यात्रा का नया युग: जानिए कैसे बदल रही है आपकी यात्रा!

यात्रा का नया युग: जानिए कैसे बदल रही है आपकी यात्रा! New era of travel: Know how your travel is changing!


ट्रेवलिंग केवल एक मानवीय शौक नहीं, देश-दुनिया को समझने और संस्कृति- परंपराओं को करीब से जानने का एक जरिया भी है।


New era of travel: Know how your travel is changing!
New era of travel: Know how your travel is changing!


हाल के वर्षों में जैसे जीवन के तमाम पक्षों में बड़े बदलाव हुए है, ट्रैवलिंग के तरीके और ट्रैवलर्स की रुचियां भी बहुत बदल गई हैं।


ट्रेवलिंग का हर शौकीन इनके बारे में जरूर जानना चाहेगा।


साल विश्व पर्यटन दिवस 27 सितंबर को मनाया जाता है, जिसके लिए यूएनडब्लूटीओ की जनरल असेंबली एक थीम और एक मेजबान देश का चयन करती है। 


इस वर्ष 2024 के लिए थीम है-पर्यटन और शांति। इस बार का मेजबान देश जॉर्जिया है। अगले वर्ष 2025 में विश्व पर्यटन दिवस की मेजबानी मलेशिया करेगा और थीम होगी 'टूरिज्म एंड सस्टेनेबल ट्रांसफॉर्मेशन।'


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इस साल की थीम है खास


आज जब संसार के अनेक स्थलों पर जंग जारी है, विशेषकर रूस, यूक्रेन और मध्यपूर्व के देशों में तो ऐसे में पर्यटन को शांति से जोड़ने का विचार अच्छा माना जा सकता है। 


गौरतलब है कि 2023 में सऊदी अरब की मेजबानी के दौरान जब थीम 'टूरिज्म एंड ग्रीन इन्वेस्टमेंट्स' था तो यूएनडब्लूटीओ ने 'टूरिज्म ओपेंस माइंड' (पर्यटन दिमाग के पट खोल देता है) नारा अपनाया था। 


विश्व शांति को लेकर पर्यटन ने दिमाग के कितने पट खोले हैं, इस बारे में तो कहना बहुत मुश्किल है, लेकिन यह निश्चित है कि पर्यटन में कुछ नए ट्रेंड्स विकसित हुए हैं।


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न्यू टूरिज्म का बढ़ता ट्रेंड


खुशी की बात है कि कोविड-19 महामारी के दो-तीन वर्ष बाद बाद पर्यटन अपनी पहली जैसी स्थिति में लौट आया है और विश्व अर्थव्यवस्था के प्रमुख स्तंभों में से एक हो गया है। 


अब पर्यटन केवल ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण, तफरीह या बिजनेस ट्रिप्स तक सीमित नहीं है बल्कि इसमें जो नए ट्रेंड्स आए हैं, उनमें स्लो ट्रैवल, सस्टेनेबल ट्रैवल, स्प्रिचुअल रिट्रीट्स और वेलबीइंग जैसी यात्राओं के अतिरिक्त नए लोगों से मिलना, उनकी संस्कृति को समझना और उनके परंपरागत व्यंजनों का आनंद लेना भी शामिल हो गया है।


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भारत के घरेलू पर्यटन में तो अब यह ट्रेंड भी है कि मांएं केवल अपने बच्चों के साथ ही यात्राएं नहीं कर रही हैं बल्कि वह स्पेशल क्यूरेटिड टूर के विकल्प चुन रही हैं ताकि अपने बच्चों और साथी मांओं के साथ बॉन्डिंग बेहतर करने में मदद मिले और यात्रा लक्ष्यों की पूर्ति भी हो सके।


मसलन, दिन में एडवेंचर हाइक्स, मछली पकड़ना और अंगामी नागा कबीले की संस्कृति में रंग जाना और रातों को ठिठुरती ठंड में आग के सामने बैठकर आसमान के तारे गिनना। घुमक्कड़ी पसंद करने वाली छह मांओं और उनके बच्चों की यही दिनचर्या थी, जब वे जखामा के धान के खेतों के पास कैंपिंग कर रहे थे। जखामा, नागालैंड राज्य में एक प्यारा सा गांव है। ये मांएं और उनके बच्चे देश के अलग- अलग हिस्सों से यहां आए थे और यह खोनोमा में स्थानीय नागा परिवारों के साथ भी रहे। खोनोमा एशिया का पहला ग्रीन गांव है। इन सबने छोटे से गांव जुलेके की भी यात्रा की, जहां सिर्फ 35 घर हैं। ठीक उसी दौरान यहां से लगभग 3,700 किमी दूर दक्षिण भारत में कुछ टूरिस्ट मांएं अपने बच्चों के साथ तमिलनाडु में कोडइकैनाल का आनंद ले रहे थे। प्राकृतिक झरनों, प्राचीन गुफाओं, शानदार गिरजाघरों को देखने के बाद अपनी यात्रा के तीसरे दिन इन सबने रोलिंग हिल्स और धुंध भरे जंगल का नजारा करते हुए ओपन-एयर कैफे में लंच का आनंद लिया। गार्डेन में पिकनिक मैट्स बिछा दिए गए थे, जिन पर बच्चों ने जेंगा और दूसरे कई खेल खेले।



नागालैंड राज्य
नागालैंड राज्य 

ये मांएं और उनके बच्चे देश के अलग- अलग हिस्सों से यहां आए थे और यह खोनोमा में स्थानीय नागा परिवारों के साथ भी रहे। खोनोमा एशिया का पहला ग्रीन गांव है। इन सबने छोटे से गांव जुलेके की भी यात्रा की, जहां सिर्फ 35 घर हैं। ठीक उसी दौरान यहां से लगभग 3,700 किमी दूर दक्षिण भारत में कुछ टूरिस्ट मांएं अपने बच्चों के साथ तमिलनाडु में कोडइकैनाल का आनंद ले रहे थे। प्राकृतिक झरनों, प्राचीन गुफाओं, शानदार गिरजाघरों को देखने के बाद अपनी यात्रा के तीसरे दिन इन सबने रोलिंग हिल्स और धुंध भरे जंगल का नजारा करते हुए ओपन-एयर कैफे में लंच का आनंद लिया। गार्डेन में पिकनिक मैट्स बिछा दिए गए थे, जिन पर बच्चों ने जेंगा और दूसरे कई खेल खेले।


घूमने के अलावा होते हैं कई उद्देश्य


मैंने इस बार कश्मीर की यात्रा वहां की नैसर्गिक सुंदरता के साथ ही खान-पान की संस्कृति को और करीब से जानने-समझने के उद्देश्य से की थी।


श्रीनगर

आयशा के बाग मंजुक की सैर पर भी गया था। यह स्थान श्रीनगर से एक घंटे की ड्राइव पर पुलवामा में स्थित है। मंजुक का अर्थ होता है- बागीचे में। 

कश्मीरी व्यंजनों की खासियत होती है कि इसमें कम से कम मसाले और सामग्री डाली जाती है, लेकिन इनका स्वाद गजब का होता है।

कहने का अर्थ है कि पर्यटन का एक बदलता रुझान अब तमिलनाडु स्थित कोडईकैनाल में बोटिंग करते टूरिस्ट्स अनुभवात्मक यात्रा भी होता जा रहा है। 

अब अधिकतर पर्यटक उन गतिविधियों की तलाश करते हैं, जिनसे स्थानीय संस्कृतियों, व्यंजनों और परंपराओं को करीब से जान सकें। या कहें पर्यटक, पर्यटन आकर्षणों से अलग हटकर अधिक वास्तविक और नए अनुभवों की तलाश कर रहे हैं।


कोडईकैनाल में बोटिंग करते टूरिस्ट्स


जॉर्जिया है परफेक्ट टूरिस्ट डेस्टिनेशन


इस साल के विश्व पर्यटन दिवस की मेजबानी करने वाला जॉर्जिया देश भी पर्यटकों को एक ऐसा अनुभव प्रदान करता है, जो लीक से हटकर है।


जॉर्जिया है परफेक्ट टूरिस्ट डेस्टिनेशन
जॉर्जिया है परफेक्ट टूरिस्ट डेस्टिनेशन


कॉकेशस पहाड़ों और ब्लैक सी के बीच में स्थित जॉर्जिया एक ऐसा छुपा हुआ खूबसूरत देश है, जिसका इतिहास, विविध संस्कृति और सुंदर लैंडस्केप पर्यटकों को अचरज से भर देते हैं। 

जॉर्जिया पर्यटकों को विशिष्ट अनुभव प्रदान कराता है।

आपकी दिलचस्पी चाहे इतिहास में हो या आप प्रकृति प्रेमी हों या आप टेस्टी फूड्स के दीवाने हों, जॉर्जिया में हर पर्यटक के लिए कुछ ना कुछ अवश्य है। यहां स्थानीय लोग मेहमानों का गर्मजोशी से स्वागत करते हैं।

कहने की जरूरत नहीं कि जब लोग एक- दूसरे की संस्कृति, इतिहास, परंपरा और खान-पान के तरीके को समझने के लिए यात्रा पर निकलते हैं, तो इससे भी शांति स्थापित करने के प्रयासों को बल मिलता है, जो इस साल की थीम है।

वैसे भी लोग उसी मुल्क में पर्यटन पर जाना पसंद करते हैं, जिसमें शांति और सुरक्षा हो। इस लिहाज से जॉर्जिया पर्यटकों के लिए शानदार और सुरक्षित जगह है।

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