यूरीन रोकने से होने वाले नुकसानों को जानकर आप चौंक जाएंगे!

यूरीन रोकने से होने वाले नुकसानों को जानकर आप चौंक जाएंगे! 

पेशाब रोकने के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले खतरनाक प्रभाव

हममें से कई लोग अक्सर किसी काम में व्यस्त रहने या आलस्य के कारण यूरीन आने पर भी उसे रोक लेते हैं। यह आदत स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है और इससे कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।

damages caused by holding urine
पेशाब रोकने के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले खतरनाक प्रभाव

मूत्राशय में यूरीन रोकना न केवल शरीर के सामान्य कामकाज में खलल डालता है, बल्कि गुर्दे और मूत्राशय को भी गंभीर रूप से प्रभावित करता है।

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मूत्राशय और किडनी पर पड़ने वाला प्रभाव

पेशाब को लंबे समय तक रोकना मूत्राशय पर खिंचाव पैदा कर सकता है, जिससे मूत्राशय की दीवारों पर दबाव बढ़ जाता है। इसके परिणामस्वरूप, मूत्राशय की मांसपेशियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे मूत्राशय की कार्यक्षमता प्रभावित होती है।

इसके अलावा, पेशाब रोकने से निम्नलिखित समस्याएं हो सकती हैं:


1. किडनी में पथरी बनने की संभावना: यूरीन में उपस्थित यूरिक एसिड और कैल्शियम ऑक्सलेट का जमाव होने से किडनी में पथरी बनने लगती है।

2. यूटीआई का खतरा: मूत्रमार्ग में संक्रमण (यूटीआई) होने की आशंका बढ़ जाती है, जिससे बैक्टीरिया का पनपना आसान हो जाता है, खासकर बारिश के दिनों में। 3. ब्लैडर और किडनी पर बैक्टीरियल संक्रमण: पेशाब को लंबे समय तक रोकने से शरीर में बैक्टीरिया का संक्रमण हो सकता है, जिससे किडनी और मूत्राशय की कार्यक्षमता पर बुरा असर पड़ता है। 4. ब्लैडर की दीवारों का कमजोर होना: बार-बार यूरीन रोकने से ब्लैडर की दीवारें कमजोर हो जाती हैं, जिससे ब्लैडर के खराब होने का खतरा बढ़ जाता है।

पेशाब रोकने के कारण हो सकते हैं ये गंभीर परिणाम

यूरीन रोकने की आदत आपको अस्थाई आराम दे सकती है, लेकिन इससे शरीर पर गंभीर प्रभाव पड़ते हैं। पेशाब वास्तव में शरीर का फ़िल्टर किया हुआ गंदा पानी है, जिसे शरीर से तुरंत बाहर निकालना जरूरी है।

जब आप पेशाब को लंबे समय तक रोकते हैं, तो यह गंदा पानी वापस शरीर में संक्रमण का कारण बनता है। इसके कारण निचले पेट, पीठ और पसलियों में दर्द भी हो सकता है।

1. किडनी पर दबाव: पेशाब रोकने से गुर्दों पर भारी दबाव पड़ता है, जिससे उनकी कार्यक्षमता घट सकती है।

2. बार-बार पेशाब आने की समस्या: मूत्राशय की मांसपेशियों की कमजोरी के कारण आपको बार-बार पेशाब आने की समस्या हो सकती है। 3. पथरी बनने का खतरा: यूरिन में मौजूद हार्मफुल एलिमेंट्स जैसे यूरिक एसिड और कैल्शियम ऑक्सलेट की अधिक मात्रा से पथरी बनने की संभावना बढ़ जाती है।
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बार-बार यूरीन प्रेशर महसूस होने पर क्या करें?

कुछ लोगों को बार-बार यूरीन की समस्या होती है, और यह सामान्य दिनों की तुलना में अधिक हो सकता है। बढ़ती उम्र में यह समस्या और बढ़ जाती है, खासकर 55-60 साल के बाद।

यदि आपको जल्दी-जल्दी पेशाब करने की जरूरत महसूस हो रही है, तो इसे अनदेखा न करें। ऐसे लक्षण किसी बड़ी बीमारी का संकेत हो सकते हैं, जिनका समय पर इलाज आवश्यक है।

बार-बार यूरीन की समस्या का कारण किसी यूरोलॉजिस्ट से परामर्श करके समझा जा सकता है।

कई बार यह समस्या बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण या शारीरिक समस्याओं के कारण भी हो सकती है।

यूरीन को रोकने से बचने के तरीके:नियमित रूप से पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं ताकि शरीर का फ़िल्टरिंग सिस्टम बेहतर तरीके से काम करे।


बार-बार यूरीन महसूस होने पर इसे रोकने के बजाय पास आउट कर लें।

अगर पेशाब से संबंधित कोई समस्या हो रही हो, जैसे जलन, दर्द या रक्त आना, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें। स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं और पेशाब के वेग को कभी अनदेखा न करें।

निष्कर्ष:

यूरीन रोकने की आदत से बचना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यह आदत ब्लैडर और किडनी के स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकती है।

नियमित रूप से यूरीन पास करना न केवल यूरीन सिस्टम को स्वस्थ रखता है, बल्कि शरीर की संपूर्ण कार्यप्रणाली के लिए भी फायदेमंद होता है।

यदि आप यूरीन से संबंधित किसी भी समस्या का अनुभव करते हैं, तो जल्द से जल्द चिकित्सीय परामर्श लें और अपनी सेहत का ख्याल रखें।

हमेशा ध्यान रखें, यूरीन रोकना किसी भी सूरत में सही नहीं है, और ऐसा नियमित रूप से करना आपके शरीर को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है।

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