नए फ़िल्मी प्रयोगों में वेटिंग एक सुखद अहसास: रिव्यू मूवी वेटिंग

नए फ़िल्मी प्रयोगों में वेटिंग एक सुखद अहसास: रिव्यू मूवी वेटिंग  Movie review: 'Waiting'

नसीरुद्दीन शाह और कल्कि कोचलिन की कमाल केमिस्ट्री है फिल्म ‘वेटिंग’

दो बेहतरीन कलाकारों की इस सहज और उम्दा केमिस्ट्री की वजह से दर्शकों का आनंद डबल हो जाता हैं।

नसीरुद्दीन शाह और कल्कि कोचलिन की कमाल केमिस्ट्री है फिल्म ‘वेटिंग’


दोनो मिलकर जिंदगी के उन पलों को छेड़ते है जिससे हम सभी का सामना कभी न कभी जरुर होता है। 

निर्देशक अनु मेनन ने अस्पताल के दुखद और उदासी वाले माहौल को पृष्ठभूमि (backdrop) बनाया है। 

जिसमें रोगी अपनी बीमारी से लड़ रहा होता है और बाहर उसके रिस्तेदार और दोस्त हॉस्पिटल और असल जिंदगी में ताल-मेल कर लेते है ।

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फिल्म हमें ये भी अहसास कराती है कि इस माहौल में आदमी के हजारों फेसबुक और ट्विटर फॉलोवर्स होने बावजूद वह कितना अकेला है । कोई भी फेसबुक या ट्विटर फ्रेंड मदद को नहीं आता।

निर्देशक ने रिलेशनशिप का नया माहौल रचा है। जहां दो अंजान लोग एक दूसरे का स्पोर्ट सिस्टम बन जाते है।

काफी समय बाद नसीरूदीन का वही समर्थ अभिनय देख कर अच्छा लगा । बीच-बीच उन्होंने काफी बेकार किरदार किए थे जिन्हे देख कर हमें काफी निराशा हुई थी।


कल्कि ने भी अपने किरदार को बहुत खूबी से निभाया और नसीरूदीन के समकक्ष नजर आई । वे सही मायनों में किरदार की हो कर रह गई । एक्शन-रिएक्शन के सिलसिले को वे बहुत खूबी से निभाती है

रजत कपूर डॉक्टर की भूमिका बहुत अच्छे रहे। अन्य कलाकारों (राजीव रविंद्रनाथ, सुहासिनी मणिरत्नम, अर्जुन माथुर) का सहयोग अच्छा रहा।

तू है तो मैं हूं

'तू है तो मैं हूं'  बैकग्राउंड में बजने वाला गाना, म्यूजिक डायरेक्टर मिकी मैक्लिरी ने फिल्म के हिसाब से बनाया है ।

अगर आप कुछ अलग सी फिल्म देखना चाहते है तो इस फिल्म को देख कर आप को अच्छा लगेगा । नसीर और कल्कि के फैन्स भी ये फिल्म देख सकते हैं।

कहानी - वेटिंग 

कहानी शुरु होती है तारा (कल्कि कोचीन) से,  उसका पति रजत (अर्जुन माथुर ) गंभीर दुर्घटना के बाद कोमा जैसी स्थिति में हॉस्पिटल में दाखिल है। तारा और रजत की नई-नई शादी हुई है। 

अस्पताल में तारा की मुलाकात शिव (नसीरुद्दीन शाह) से होती है। शिव की पत्नी पिछले 6 महीनों से कोमा में है और डॉक्टर उसके ठीक होने की उम्मीद छोड़ चुके हैं, मगर शिव को पूरी आशा है कि उसकी पत्नी स्वस्थ हो जाएगी। 

इसलिए वह लाइफ सपोर्ट सिस्टम हटाने नहीं देता।  जबकि तारा भी बिलकुल अकेली है। और वह अपनी सास को इस दुर्घटना के बारे में नहीं बताना चाहती। 

उसे डर है की राहु-केतू में विश्वास करनेवाली उसकी अंधविश्वासी सास कहीं रजत की दुर्घटना के लिए उसे जिम्मेदार न मान ले। 

तारा को इस बात का दुख है कि फेसबुक और ट्विटर पर हजारों की तादाद में फॉलोवर्स होने के बावजूद इस जरूरत की घड़ी में वह अकेली है। 

उसकी सहेली इशिता उसे हिम्मत बंधाने आती है, मगर पारिवारिक मजबूरियों के कारण उसे भी लौटना पड़ता है। अब ये दो अजनबी मिलते हैं। 

दुख और परेशानी के इस माहौल में दोस्ती के रिश्ते में बांधकर जिंदगी से वो पल चुराते हैं, जो उन्हें डिप्रेशन से दूर ले जाता है। 

फिल्म के क्लाइमैक्स में आते-आते दोनों अपने साथियों की जिंदगी से जुड़े निर्णयों पर आकर रुक जाते हैं, मगर फिर वे जिंदगी को जीने का तरीका ढूंढ ही लेते हैं।

हमारी स्टार रेटिंग : 4.5/5 

कलाकार
नसीरुद्दीन शाहकल्कि कोचीनरजत कपूरअर्जुन माथुर
सुहासिनी मणिरत्नम

निर्देशक अनु मेनन
मूवी टाइप  Drama
अवधि  98 मिनट


Waiting Hindi Movie review -Team News Exchange

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