Weight Gain के लिए करे ये योगासन - बहुते से लोग ऐसे है जो अपने कम वजन के कारण दुखी रहते है। जो लोग अपना वजन बढ़ाना चाहते है तो उन्हें हेल्दी डाइट के साथ ही नियमित रूप से कुछ योगासन करने चाहिए
इससे उन्हें फायदा मिलेगा। ये योगासन आसानी से भूख बढ़ाने में मदद करे गए।ये योगासन यदि आप नियमित रूप से करे गए तो आपको काफी फायदा मिलेगा।
अब धीरे-धीरे सिर, गर्दन तथा कंधों को ऊपर उठाएं। सिर उठाते समय सांस गहरी और धीरे लेना है। अब सांस और मेरुदंड के प्रति सजग रहें। इस दौरान शरीर को इतना ऊपर उठाएं की पीठ धनुषाकार की स्थिति में आए।
अपने सिर को पीछे की ओर झुकाएं। यह आसन की अंतिम स्थिति है। इस स्थिति में अपनी क्षमता अनुसार सांस रोककर रखें।
अब पूर्व की स्थिति में वापस आने के लिए धीरे से सिर को आगे लाएं और हाथों को मोड़कर शरीर को नीचे करें। सिर को जमीन पर रखें।
शरीर को आगे लाएं और हाथों को मोड़कर शरीर को नीचे रखें। पूर्व स्थिति में वापस आते समय सांस धीरे-धीरे छोड़ें। 4 से 5 चक्र तक यह अभ्यास करें।
हाथों को घुटनों पर रखें। पीठ और सिर एक सीध में रखें, परन्तु तनाव रहित रहें। मेरुदंड सीधा रखें। अब आंखों को बंद करें और सांसो की ओर ध्यान दें।
सांस को बाहर रोककर सिर और कंधों को उठाकर रखें। नाक और सिर को दोनों घुटनों के बीच में रखने का प्रयास करें। अब थोड़ी देर इसी स्थिति में रहें। सांस लेते हुए सिर,कंधे और पैरों को नीचे लाएं। यह अभ्यास 3 से 5 बार करें।
सिर के ऊपरी भाग को जमीन से टिकाएं। हाथों काे सीधा करते हुए पैरो के अंगूठे को पकड़ें। सिर को इतना पीछे ले जाएं कि पीठ धनुषाकार हो सकें। अब हाथों एवं शरीर को आराम की स्थिति में लाएं। इस क्रिया को दाेहराएं।
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शरीर को इस प्रकार सीधा करें कि ठोड़ी आपकी छाती से लगे।कुछ देर इस मुद्रा में रहें फिर धीरे-धीरे प्रारंभिक अवस्था में आएं।
शरीर में ऊर्जा और मजबूती के लिए आप इस आसन का अभ्यास नियमित रूप से कर सकते हैं।
प्रारंभिक अवस्था में आने के लिए लंबी गहरी सांस छोड़ते हुए नीचे आएं। आप इस आसन को चार से पांच बार कर सकते हैं।
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इससे उन्हें फायदा मिलेगा। ये योगासन आसानी से भूख बढ़ाने में मदद करे गए।ये योगासन यदि आप नियमित रूप से करे गए तो आपको काफी फायदा मिलेगा।
भुजंगासन
कैसे करें:
आसन पर पेट के बल लेट जाएं। दोनों पैर सीधे और मिलाकर रखें। अपनी हथेलियों को जमीन पर कंधों से थोड़ा बाहर की ओर रखें। सिर को जमीन पर रखें और आंखें बंद कर लें। सम्पूर्ण शरीर को शिथिल रखें।अब धीरे-धीरे सिर, गर्दन तथा कंधों को ऊपर उठाएं। सिर उठाते समय सांस गहरी और धीरे लेना है। अब सांस और मेरुदंड के प्रति सजग रहें। इस दौरान शरीर को इतना ऊपर उठाएं की पीठ धनुषाकार की स्थिति में आए।
अपने सिर को पीछे की ओर झुकाएं। यह आसन की अंतिम स्थिति है। इस स्थिति में अपनी क्षमता अनुसार सांस रोककर रखें।
अब पूर्व की स्थिति में वापस आने के लिए धीरे से सिर को आगे लाएं और हाथों को मोड़कर शरीर को नीचे करें। सिर को जमीन पर रखें।
शरीर को आगे लाएं और हाथों को मोड़कर शरीर को नीचे रखें। पूर्व स्थिति में वापस आते समय सांस धीरे-धीरे छोड़ें। 4 से 5 चक्र तक यह अभ्यास करें।
फायदा:
भूख बढ़ाने में मदद करता है। वजन बढ़ाने वाले लोगों के लिए फायदेमंद है। कब्ज दूर करता है। फेफड़ों को मजबूत बनाने में सहायक है। अस्थमा से बचाने में मदद करता है।वज्रासन
कैसे करें :
आसन पर घुटनों के बल बैठ जाएं। अपने पैरों के अंगूठों को एक साथ जोड़कर रखें और एड़ियों को अलग-अलग रखें। अब शरीर का पूर्ण भार पैरों के पंजों के भीतरी भाग के ऊपर रखें।हाथों को घुटनों पर रखें। पीठ और सिर एक सीध में रखें, परन्तु तनाव रहित रहें। मेरुदंड सीधा रखें। अब आंखों को बंद करें और सांसो की ओर ध्यान दें।
फायदा:
सम्पूर्ण पाचन-तंत्र की कार्यक्षमता को बढ़ाता है। पेट संबधित रोगों में आराम देता है। मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। भोजन के तुरंत बाद कम से कम 5 से 7 मिनिट तक इसे करने से पाचन क्रिया तीव्र होती है।पवनमुक्तासन
कैसे करें:
शवासन की स्थिति में लेट जाएं। गहरी सांस लें। अब दोनों घुटनों को मोड़ें। सांस छोड़ते हुए जांघों को छाती के पास लाएं। हाथों से पैरों को कसकर पकड़ें।सांस को बाहर रोककर सिर और कंधों को उठाकर रखें। नाक और सिर को दोनों घुटनों के बीच में रखने का प्रयास करें। अब थोड़ी देर इसी स्थिति में रहें। सांस लेते हुए सिर,कंधे और पैरों को नीचे लाएं। यह अभ्यास 3 से 5 बार करें।
सावधानी:
हाई बी.पी., साइटिका, स्लिपडिस्क जैसे रोग में यह आसन न करें।फायदा:
मांसपेशियों में मजबूती लाता है। पाचन तंत्र में लाभकारी है। गैस और कब्ज की समस्या को दूर करने में फायदेमंद है।मत्स्यासन
कैसे करें:
पद्मासन में बैठकर गहरी सांस लें। हाथों और कोहनियों का सहारा देते हुए शरीर को पीछे की ओर झुकाएं। छाती को ऊपर उठाएं और सिर को पीछे की ओर झुकाएं।सिर के ऊपरी भाग को जमीन से टिकाएं। हाथों काे सीधा करते हुए पैरो के अंगूठे को पकड़ें। सिर को इतना पीछे ले जाएं कि पीठ धनुषाकार हो सकें। अब हाथों एवं शरीर को आराम की स्थिति में लाएं। इस क्रिया को दाेहराएं।
सावधानी:
हृदय और हर्निया के मरीज इसे न करें। पीठ-दर्द हो तो यह आसन न करें।फायदा:
यह आसन पेट एवं आंतों में खिंचाव उत्पन्न करता है। कब्ज दूर करता है। भूख बढ़ाता है। मांसपेशियों को मजबूत करता है। इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करता है।Also Read This :
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सर्वांगासन
कैसे करें :
सबसे पहले आप पीठ के बल लेट जाएं और दोनों हाथों को जांधों के पास रखें।पैरों को धीरे-धीरे ऊपर उठाते हुए 90 डिग्री तक ले जाएं।हथेलियों के सहारे नितंब को सहारा दें।शरीर को इस प्रकार सीधा करें कि ठोड़ी आपकी छाती से लगे।कुछ देर इस मुद्रा में रहें फिर धीरे-धीरे प्रारंभिक अवस्था में आएं।
फायदा:
सर्वांगासन रक्त और ऑक्सीजन के संचालन में सुधार करने के लिए प्रभावी आसन है। रक्त का संचालन शरीर में पोषक तत्वों को बढ़ावा देता है, जिससे शरीर के सभी अंग पोषित होते हैं।शरीर में ऊर्जा और मजबूती के लिए आप इस आसन का अभ्यास नियमित रूप से कर सकते हैं।
धनुरासन
कैसे करें :
पेट के बल लेट जाएं।अब घुटनों को मोड़ें और हाथों से टखनों को मजबूती से पकड़ें।अब सांस लेते हुए अपने सिर, छाती व जांघ को ऊपर की ओर उठाएं।
ध्यान रहे कि इस मुद्रा में आपके शरीर का आकार किसी धनुष के समान लगना चाहिए। क्षमता के अनुसार इस मुद्रा में रहे और धीरे-धीरे सांस लेने व छोड़नी की प्रक्रिया जारी रखें।प्रारंभिक अवस्था में आने के लिए लंबी गहरी सांस छोड़ते हुए नीचे आएं। आप इस आसन को चार से पांच बार कर सकते हैं।
फायदा:
धनुरासन पेट के बल किया जाने वाला एक प्रभावी आसन है, जो कब्ज सहित पाचन तंत्र में सुधार का काम कर सकता है। यह आसन थायराइड से भी आपको निजात दिला सकता है,
जो शरीर के कम वजनी होने का कारण बन सकता है। शरीर में पोषक तत्वों के अवशोषण (Absorption) के लिए आप इस आसन का नियमित रूप से अभ्यास कर सकते हैं।
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