इस देश में महिलाएं भी पुरुषों के समान हथियार चलाती हैं - चीन दुनिया में सबसे अधिक सैनिकों वाला देश है। वहीं भारत इस मामले में दूसरे स्थान पर आता है।
लेकिन क्या आप जानते हैं दुनिया में एक ऐसा भी देश है जहां हर किसी को हथियार चलाने आते हैं।
यही नहीं देश के हर नागरिक को सेना में भर्ती भी होना पड़ता है। यानि इस देश में महिलाएं भी पुरुषों के समान हथियार चलाती हैं और देश की सेना में भी अपनी सेवाएं देती हैं।
यहां रहने वाले हर व्यक्ति के लिए हथियार चलाने की ट्रेनिंग लेना अनिवार्य होता है। मध्यपूर्व में बसे इस देश का नाम हैै इजराइल।
इजराइल विश्व राजनीति और इतिहास की दृष्टि से बहुत आवश्यक देश है। बता दें कि इजरायल का उदय 1948 में फिलिस्तीन के बंटवारे के बाद हुआ। यह दुनिया का अकेला यहूदी देश है।
आजादी के 70 साल बाद इस देश को एक यहूदी राष्ट्र घोषित किया गया है। इजरायल की संसद में 19 जुलाई, 2018 को ही ये कानून पारित हुआ।
कानून के पारित होने के बाद कहा जा रहा है कि इससे यहां रहने वाले अरब नागरिकों के साथ बड़े स्तर पर भेदभाव होगा।
बता दें कि इजराइल में 15 साल की उम्र से बच्चों को आर्मी ट्रेनिंग देना शुरु किया जाता है। यहां हाई स्कूल की पढ़ाई के बाद उनके लिए आर्मी सर्विस से जुड़ना जरूरी होता है।
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70 साल बाद पारित हुआ कानून भी यही कहता है कि यह देश यहूदियों की मातृ भूमि है और वह चाहे किसी भी देश में क्यों न रहते हों जब चाहे यहां आकर बस सकते हैं।
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लेकिन क्या आप जानते हैं दुनिया में एक ऐसा भी देश है जहां हर किसी को हथियार चलाने आते हैं।
यही नहीं देश के हर नागरिक को सेना में भर्ती भी होना पड़ता है। यानि इस देश में महिलाएं भी पुरुषों के समान हथियार चलाती हैं और देश की सेना में भी अपनी सेवाएं देती हैं।
यहां रहने वाले हर व्यक्ति के लिए हथियार चलाने की ट्रेनिंग लेना अनिवार्य होता है। मध्यपूर्व में बसे इस देश का नाम हैै इजराइल।
इजराइल का इतिहास
इजराइल विश्व राजनीति और इतिहास की दृष्टि से बहुत आवश्यक देश है। बता दें कि इजरायल का उदय 1948 में फिलिस्तीन के बंटवारे के बाद हुआ। यह दुनिया का अकेला यहूदी देश है।
आजादी के 70 साल बाद इस देश को एक यहूदी राष्ट्र घोषित किया गया है। इजरायल की संसद में 19 जुलाई, 2018 को ही ये कानून पारित हुआ।
कानून के पारित होने के बाद कहा जा रहा है कि इससे यहां रहने वाले अरब नागरिकों के साथ बड़े स्तर पर भेदभाव होगा।
इजराइल में आर्मी ट्रेनिंग जरुरी
बता दें कि इजराइल में 15 साल की उम्र से बच्चों को आर्मी ट्रेनिंग देना शुरु किया जाता है। यहां हाई स्कूल की पढ़ाई के बाद उनके लिए आर्मी सर्विस से जुड़ना जरूरी होता है।
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इजराइल में लड़कों को 2 साल जबकि लड़कियों के 3 साल तक सेना में काम करना होता है। इसी कारण यहां के हर परिवार को हथियार चलाने आता है। यहां की महिलाएं अपने साथ हथियार लेकर चलती हैं।
इजराइल की कुल आबादी
बता दें कि इजराइल की कुल आबादी 85 लाख है। इजराइल जब फिलिस्तीन में शामिल था तब यहां 87 फीसदी मुस्लिम, 10 फीसदी ईसाई और 3 फीसदी यहूदी रहते थे।
लेकिन अब यहां रहने वाली 74 फीसदी आबादी यहूदियों की है। इजराइल में यहूदियो को काफी छूट दी गई है।70 साल बाद पारित हुआ कानून भी यही कहता है कि यह देश यहूदियों की मातृ भूमि है और वह चाहे किसी भी देश में क्यों न रहते हों जब चाहे यहां आकर बस सकते हैं।
बता दें कि इजराइल में 30 लाख सैनिक हैं। यहां जितने पुरुष सेना में काम करते हैं उतनी ही महिलाएं भी करती हैं।
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