Diabetes रोकने के उपाय - पूरे देश में लगभग 29 करोड़ लोग डायबिटीज जैसी खतरनाक बीमारी से ग्रस्त हैं। हर उम्र के लोगों को डायबिटीज यानी मधुमेह अपने चंगुल में ले रहा है।
डायबिटीज एक ऐसी बिमारी है जिसमें व्यक्ति के खून में शुगर का स्तर बहुत बढ़ जाता है।
डायबिटीज के कारण कई तरह की शारीरिक परेशानियां शुरू हो जाती हैं यह संभावित रूप से मधुमेह, दिल का दौरा, याददाश्त कमजोर,स्ट्रोक, उच्च रक्तचाप आदि का कारण बन सकता है।
इसकी मुख्य वजह है गलत जीवनशैली, मोटापा, शारीरिक मेहनत न करना, मानसिक तनाव, वसा, चीनी या बहुत ज्यादा कैलरी वाला खानपान। जीवनशैली में थोड़ा बदलाव कर हम डायबिटीज पर काबू पा सकते हैं।
अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के अनुसार, एक सामान्य व्यक्ति का रक्त शर्करा का स्तर भोजन से पहले 100 mg/dl से कम और भोजन से 1 से 2 घंटे बाद 140 mg/dl कम होना चाहिए।
− बहुत प्यास लगना।
− बहुत भूख लगना।
− लगातार पेशाब आना।
− बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस करना।
− अचानक वजन का कम होना।
− अचानक शरीर पर घाव बनना और इसे ठीक होने में समय लगना।
− त्वचा में रूखापन और खुजली, जननांगों में खुजली।
− धुंधला दिखाई देना।
वहीं कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों जैसे चावल, फल, दही, आलू, मिठाई आदि के अपने सेवन से बचें या सीमित करें। अपनी डाइट पर ध्यान रखकर अधिक कैलोरी के सेवन को कम किया जा सकता है, जिससे बाद में ब्लड शुगर को कम करने में मदद मिल सकती है।
ऐसे में इनको ना कहें. नियमित रूप से पानी पिएं। पानी पीने से ब्लड को रिहाइड्रेट करने में मदद मिलती है और रक्त शर्करा का स्तर कम होता है, जिससे मधुमेह का खतरा कम हो सकता है।
अखरोट को पीसकर सलाद, हल्की भूनी सब्ज़ी या दही में मिला कर भी खाया जा सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार करीब तीन चम्मच के बराबर अखरोट खाने से टाइप 2 की डायबिटीज का 47 फीसदी तक कम होता है।
डायबिटीज के रोगियों को कच्चे बादाम का सेवन अधिक करना चाहिए। बादाम से ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है।
यह ब्लड शुगर के लेवल में अचानक वृद्धि या गिरावट को रोकता है, जो आपकी अधिक खाने की इच्छा को कंट्रोल करता है।
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डायबिटीज एक ऐसी बिमारी है जिसमें व्यक्ति के खून में शुगर का स्तर बहुत बढ़ जाता है।
डायबिटीज के कारण कई तरह की शारीरिक परेशानियां शुरू हो जाती हैं यह संभावित रूप से मधुमेह, दिल का दौरा, याददाश्त कमजोर,स्ट्रोक, उच्च रक्तचाप आदि का कारण बन सकता है।
इसकी मुख्य वजह है गलत जीवनशैली, मोटापा, शारीरिक मेहनत न करना, मानसिक तनाव, वसा, चीनी या बहुत ज्यादा कैलरी वाला खानपान। जीवनशैली में थोड़ा बदलाव कर हम डायबिटीज पर काबू पा सकते हैं।
नोवो नॉर्डिस्क एजुकेशन फाउंडेशन के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, रक्त शर्करा के स्तर (blood sugar levels) को नियंत्रित करने में भारतीय विफल रहे हैं। उनके अनुसार, देश में मधुमेह के बढ़ते मामलों के पीछे रक्त शर्करा के स्तर में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित करने की आवश्यकता।
अमेरिकन डायबिटीज एसोसिएशन के अनुसार, एक सामान्य व्यक्ति का रक्त शर्करा का स्तर भोजन से पहले 100 mg/dl से कम और भोजन से 1 से 2 घंटे बाद 140 mg/dl कम होना चाहिए।
डायबिटीज (Diabetes ) के कई लक्षण हैं
जिससे कोई भी व्यक्ति पहले ही सतर्क हो सकता है। यह इस प्रकार हैं−− बहुत प्यास लगना।
− बहुत भूख लगना।
− लगातार पेशाब आना।
− बहुत ज्यादा कमजोरी महसूस करना।
− अचानक वजन का कम होना।
− अचानक शरीर पर घाव बनना और इसे ठीक होने में समय लगना।
− त्वचा में रूखापन और खुजली, जननांगों में खुजली।
− धुंधला दिखाई देना।
नियमित रूप से व्यायाम करें :
अगर आप अपने शुगर को कंट्रोल करना चाहते हैं तो नियमित रूप से व्यायाम करें। यह आपके शरीर की इंसुलिन संवेदनशीलता को बढ़ा सकता है और आपकी मांसपेशियों को रक्त में शर्करा को अवशोषित करने में मदद कर सकता है जिससे रक्त में इसका स्तर कम हो जाता है।वहीं कार्बोहाइड्रेट युक्त खाद्य पदार्थों जैसे चावल, फल, दही, आलू, मिठाई आदि के अपने सेवन से बचें या सीमित करें। अपनी डाइट पर ध्यान रखकर अधिक कैलोरी के सेवन को कम किया जा सकता है, जिससे बाद में ब्लड शुगर को कम करने में मदद मिल सकती है।
बीन्स, फलियां , केला, सेब, ब्रेड को कहें ना :
बीन्स, फलियां , केला, सेब, ब्रेड आदि खाद्य पदार्थों में मौजूद फाइबर कार्ब पाचन और चीनी अवशोषण को धीमा कर सकते हैं जो रक्त शर्करा के स्तर में क्रमिक वृद्धि को बढ़ावा देते हैं।ऐसे में इनको ना कहें. नियमित रूप से पानी पिएं। पानी पीने से ब्लड को रिहाइड्रेट करने में मदद मिलती है और रक्त शर्करा का स्तर कम होता है, जिससे मधुमेह का खतरा कम हो सकता है।
अखरोट है राम बाण :
अखरोट डायबिटीज को कंट्रोल करने का काम करता है। अखरोट को कच्चा और छिलके के साथ खाना अधिक फायदेमंद माना जाता है। हालांकि इसका छिलका थोड़ा कड़वा होता है।अखरोट को पीसकर सलाद, हल्की भूनी सब्ज़ी या दही में मिला कर भी खाया जा सकता है। शोधकर्ताओं के अनुसार करीब तीन चम्मच के बराबर अखरोट खाने से टाइप 2 की डायबिटीज का 47 फीसदी तक कम होता है।
बादाम के क्या कहने :
प्रोटीन, वसा, विटामिन और मिनरल बादाम में भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, इसलिए डायबिटीज के लिए अच्छा है। बादाम में मौजूद पोषक तत्व याद्दाश्त बढ़ाने का भी काम करते हैं।डायबिटीज के रोगियों को कच्चे बादाम का सेवन अधिक करना चाहिए। बादाम से ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रहता है।
सेब का करें सेवन :
एंटीऑक्सिडेंट्स के अलावा सेब में फ्रक्टोज़ के रूप में प्राकृतिक शर्करा होती है, जो मेटाबोलिक बैलेंस में सुधार करते हैं और ब्लड शुगर के स्तर को भी नियंत्रित करते हैं।यह ब्लड शुगर के लेवल में अचानक वृद्धि या गिरावट को रोकता है, जो आपकी अधिक खाने की इच्छा को कंट्रोल करता है।
डायबिटीज (Diabetes ) दो प्रकार का होता है -
टाइप 1 (Type 1 Diabetes) और टाइप 2 (Type 2 Diabetes) डायबिटीज। टाइप 1 डायबिटीज ((Diabetes type 1) में इंसुलिन का बनना कम हो जाता है या फिर इंसुलिन बनना बंद हो जाता है, और इसे काफी हद तक नियंत्रण किया जा सकता है।जबकि टाइप 2 डायबिटीज से प्रभावित लोगों का ब्लड शुगर का स्तर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है जिसको नियंत्रण करना बहुत मुश्किल होता है।
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इन 5 प्वाइंट्स को दबाने से तेजी से कम होता है वजन
एक हेल्दी लाइफस्टाइल डायबिटीज के खतरे को काफी हद तक कम कर देती है। हेल्दी खाएं, शारीरिक मेहनत करें, वजन कंट्रोल में रखें, वॉकिंग और व्यायाम करें। नियमित रूप से डॉक्टर से जांच करवाते रहें।
आयुर्वेद में खाने की जितनी कड़वी चीजें हैं, वे डायबिटीज के मरीजों में शुगर और फैट को नियंत्रण में रखने में सहायक होते हैं। जैसे जौ, बाजरा, हल्दी, मेथी वगैरह।डायबिटीज के मरीजों को इलायची और अदरक भी खाने की सलाह दी जाती है। डायबिटीज से हार मत मानिए बल्कि डायबिटीज को हराइए। मौत की खामोश आहट को पहचानिए।
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