दर्द सहने की क्षमता को बढ़ा देती है भांग - बहुते से लोगो में दर्द से होने वाली तकलीफ को सहना काफी मुश्किल और चिंता का कारण बने जाता है कई लोग दर्द की काफी दवाइया भी लेते है
फिर भी दर्द में उन्हें आराम नहीं मिलता है ऐसे में कई जगह दर्द को कम करने के लिए मरीजों को भांग की गोली भी दी जाती है।अभी तक ऐसा माना जाता रहा है कि इससे मरीज को होने वाले दर्द में कमी हो जाती है।
बल्कि दर्द काम नहीं होता है बल्कि दर्द सहने की क्षमता बढ़ जाती है। जी हां भांग की गोली हमारे शरीर में जा कर दर्द को सहने की क्षमता बढ़ा देती है जिसे हमको दर्द का पता नहीं चलता है
इस बारे में कई शोधकर्ताओं ने इसके पीछे की वजह बताई है जो जानकर आप हैरान रे जायेगे। हाल ही में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने वजह बताई।
फिर भी दर्द में उन्हें आराम नहीं मिलता है ऐसे में कई जगह दर्द को कम करने के लिए मरीजों को भांग की गोली भी दी जाती है।अभी तक ऐसा माना जाता रहा है कि इससे मरीज को होने वाले दर्द में कमी हो जाती है।
बल्कि दर्द काम नहीं होता है बल्कि दर्द सहने की क्षमता बढ़ जाती है। जी हां भांग की गोली हमारे शरीर में जा कर दर्द को सहने की क्षमता बढ़ा देती है जिसे हमको दर्द का पता नहीं चलता है
इस बारे में कई शोधकर्ताओं ने इसके पीछे की वजह बताई है जो जानकर आप हैरान रे जायेगे। हाल ही में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने वजह बताई।
क्या कहता है शोध
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने शोध में यह पाया कि भांग में मौजूद 'टीएचसी' नामक तत्व मस्तिष्क के उन हिस्सों की सक्रियता को कम कर देता है, जो दर्द महसूस करने के लिए जिम्मेदार होते हैं।
इससे मरीजों में दर्द से लड़ने और उसे बर्दाश्त करने की क्षमता में इजाफा होता है।
शोधकर्ताओं ने इस तकनीक का किया प्रयोग
'ब्रेन इमेजिंग' तकनीक का इस्तेमाल करके शोधकर्ताओं ने पाया कि भांग में कुछ ऐसे तत्व होते हैं जो दिमाग के एक खास हिस्से की सक्रियता को कम कर देते हैं।शोधकर्ताओं का कहना है कि ये मस्तिष्क का वह हिस्सा होता है जिसका संबंध दर्द के भावनात्मक पहलू से है।ये शोध 'पैन' नामक एक जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
क्या कहते हैं शोधकर्ता
मुख्य शोधकर्ता डॉक्टर माइकल ली कहते हैं, ''हमने पाया कि डेल्टा 9 टेट्राहाइड्रोकेनाबिनॉल के इस्तेमाल के बाद लोगों को दर्द का अहसास कम हो रहा था।'' डॉक्टर माइकल ली का कहना है कि एमआरआई स्कैन से पता चला कि दिमाग के एक खास हिस्से की सक्रियता कम हो गई जिससे इन लोगों को दर्द का बहुत ज्यादा अहसास नहीं हुआ।
भांग से होने वाले स्वास्थ्य लाभ
चिकित्सा भाषा में कैनाबिस सटाइवा कही जानेवाली भांग का आयुर्वेदिक उपचार में बहुत इस्तेमाल होता है। "रोग के लक्षणों और कारणों के आधार पर आयुर्वेद में भांग का अलग-अलग इस्तेमाल होता है।" कई प्रकार के रोगों जैसे दर्द, मतली और उल्टी के इलाज में इसका उपयोग किया जाता है। मधुमेह के कारण वजन में होनेवाली कमी और तंत्रिकातंत्र संबंधी रोगों के इलाज में भी इसका इस्तेमाल होता है।
यदि सही मात्रा में लिया जाए तो इससे बुखार और पेचिश के इलाज, तुरंत पाचन और भूख बढ़ाने में मदद मिल सकती है।
गठिया में भी फायदेमंद है भांग
गठिया, अवसाद और चिंता के इलाज के लिए भी इसका उपयोग किया जा सकता है, जबकि त्वचा रोगों के उपचार में भी यह लाभदायक है। "कई लोग त्वचा के रूखी और खुरदुरी होने की शिकायत लेकर आते हैं और यह पाया गया है कि भांग की ताजा पत्तियों का लेप लगाने से त्वचा ठीक हो जाती है।''
वेदों में बताया गया जड़ी-बूटी
भांग सेहत के लिए लाभदायक भी होती है बहुत कम लोग ही स्वास्थ्य के लिए भांग के फायदों को जानते हैं।‘अथर्ववेद’ में इसे चिंता दूर करनेवाली एक जड़ी-बूटी बताया गया है।
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कई फ़ायदे हैं
* भांग आपके सीखने और याद करने की क्षमता बढ़ाती है ।अगर भांग का उपयोग सीखने और याद करने के दौरान किया जाता है तो भूली हुई बातें आसानी से याद की जा सकती है।* भांग का इस्तेमाल कई मानसिक बीमारियों में भी की जाती है । जिन्हें एकाग्रता की कमी होती है, उन्हें डॉक्टर इसके सही मात्रा के इस्तेमाल की सलाह देते हैं ।
* जिन्हें बार-बार पेशाब करने की बीमारी होती है, उन्हें भांग के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है ।
* कान का दर्द होने पर भांग की पत्तियों के रस को कान में डालने से दर्द से राहत मिलती है ।
* जिन्हें ज़्यादा खांसी होती है, उन्हें भांग की पत्तियों को सुखा कर, पीपल की पत्ती, काली मिर्च और सोंठ मिलाकर सेवन करने की सलाह दी जाती है ।
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