कब और कैसे खाना है स्वास्थ्य के लिए सही - जब बात स्वास्थ्य की आती है, तो स्वस्थ और फिट रहने के लिए हर कोई संतुलित और पौष्टिक आहार की सलाह देता है।
लेकिन आपकी खाने की अच्छी और बुरी आदतों का आपके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
आइए आज हम आपको क्या खाना चाहिए, कब खाना चाहिए और कैसे खाना चाहिए।
क्योंकि हर चीज के खाने-पीने का एक समय मौसम और व्यक्ति की शारीरिक बनावट के अनुसार उसका खानपान तय किया गया है। आइए हम आपको बताते हैं कि किस तरह के खाने और खाने से जुड़ी आदतों को सही मानता है।
नमकीन
खट्टा
कड़वा
तीखा
कसैला
पित्त दोष- मीठा, तीखा और कसैला
कफ दोष- कड़वा, तीखा, कसैला
आयुर्वेद के अनुसार रात लो कार्ब वाला खाना फायदेमंद होता है, इससे पाचन दुरूस्त रहता है और खाना आसानी से पच जाता है।
इसके अलावा, रात में दही, छाछ का न करें, इससे कफ की समस्या हो सकती है। इसके बजाय सुबह या दिन में दही या छाछ फायदेमंद है।
रात में बहुत तला-भूना या मिर्च-मसाले वाला खाना न खाएं क्योंकि इससे पाचन तंत्र में गड़बड़ी और कब्ज व गैस की समस्या हो सकती है।
इसके अलावा, रात को गर्म दूध पिएं और दाल, हरी सब्जियां खाएं, जिससे डाइजेशन सिस्टम हेल्दी रहे।
इसलिए पानी पीने का सही समय जान लें। खाना खाने से आधा घंटा पहले और खाना खाने के आधा घंटे बाद पानी पीना सही है। लेकिन अगर बहुत जरूरत महसूस होती है, तो खाने के बीच में एक-दो घूंट पानी ही पिएं।
क्योंकि खाने के तुरंत पहले और बीच में पानी पीने से पाचन क्रिया कमजोर होती है।
आयुर्वेद किसी फल के साथ दूध के सेवन की भी मनाई करता है। यानि कि जिसे लोग शेक बनाकर पीते हैं, आयुर्वेद में उसे सेहत के लिए ठीक नहीं बताया गया है।
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मैदे से दूरी बनाएं और मक्के का आटा व दलिया जैसे स्वस्थ खाने को जगह दें। यदि खाने का मन नहीं होता है या भूख कम लगती है, तो अदरक का छोटा सा टुकड़ा लें और तवे पर भूनकर उसमें नमक लगाकर खाने से पहले खाएं। इससे भूख बढ़ेगी और पाचन दुरूस्त होगा।
जंक फूड, फास्ट फूड व सॉफ्ट ड्रिंक्स से दूरी बनाएं और हमेशा ताजा और गर्म खाना ही खाएं। एक जरूरी बात आयुर्वेद में खाने का एक नियम है कि हमेशा जितनी भूख हो उसके आधे पर ही खाना खाएं।
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लेकिन आपकी खाने की अच्छी और बुरी आदतों का आपके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
आइए आज हम आपको क्या खाना चाहिए, कब खाना चाहिए और कैसे खाना चाहिए।
क्योंकि हर चीज के खाने-पीने का एक समय मौसम और व्यक्ति की शारीरिक बनावट के अनुसार उसका खानपान तय किया गया है। आइए हम आपको बताते हैं कि किस तरह के खाने और खाने से जुड़ी आदतों को सही मानता है।
न्यूट्रिशन के साथ पाचन भी जरूरी
शरीर के तीन मुख्य तत्व हैं- वात, पित्त और कफ। जब इन तत्वों में किसी एक का भी संतुलन बिगड़ जाता है, तो आप बीमार पड़ सकते हैं।इसलिए आयुर्वेद में माना गया है कि खाने में न्यूट्रीशन के साथ साथ उसके पाचन भी जरूरी है। इसलिए वात, पित्त और कफ के सही संतुलन के लिए न्यूट्रीशन से भरपूर लेकिन जल्दी पच जाने वाले खाने की सलाह दी जाती है।
डाइट में शामिल करें 6 रस
मीठानमकीन
खट्टा
कड़वा
तीखा
कसैला
कौन से दोष के लोगों को क्या खाना चाहिए ?
वात दोष - मीठा, खट्टा और नमकीनपित्त दोष- मीठा, तीखा और कसैला
कफ दोष- कड़वा, तीखा, कसैला
रात में कैसा खाना खाएं?
आयुर्वेद में रात में हल्का खाना खाने की सलाह दी जाती है, क्योंकि भरपेट खाने से बेचैनी , नींद आने और ऐसिडिटी की समस्या हो सकती है।आयुर्वेद के अनुसार रात लो कार्ब वाला खाना फायदेमंद होता है, इससे पाचन दुरूस्त रहता है और खाना आसानी से पच जाता है।
इसके अलावा, रात में दही, छाछ का न करें, इससे कफ की समस्या हो सकती है। इसके बजाय सुबह या दिन में दही या छाछ फायदेमंद है।
रात में बहुत तला-भूना या मिर्च-मसाले वाला खाना न खाएं क्योंकि इससे पाचन तंत्र में गड़बड़ी और कब्ज व गैस की समस्या हो सकती है।
इसके अलावा, रात को गर्म दूध पिएं और दाल, हरी सब्जियां खाएं, जिससे डाइजेशन सिस्टम हेल्दी रहे।
पानी पीने का भी होना चाहिए सही समय
आपके स्वास्थ्य के लिए पानी को अमृत समान माना जाता है और गुनगुना पानी, तो सेहत का खजाना है। लेकिन कई लोग खाने के समय इतना पानी पीते हैं कि पानी से ही पेट भर जाता है।इसलिए पानी पीने का सही समय जान लें। खाना खाने से आधा घंटा पहले और खाना खाने के आधा घंटे बाद पानी पीना सही है। लेकिन अगर बहुत जरूरत महसूस होती है, तो खाने के बीच में एक-दो घूंट पानी ही पिएं।
क्योंकि खाने के तुरंत पहले और बीच में पानी पीने से पाचन क्रिया कमजोर होती है।
इन खाद्य-पदार्थों को साथ में मिलाना है नुकसानदायक
गरमा गरम पराठों के साथ ठंडी दही नुकसानदायक हो सकती है। इसी तरह चिकन के साथ दूध और मछली के साथ दही न खाएं। इसके अलावा, दूध के साथ नमक वाली चीज भी नहीं खानी चाहिए।आयुर्वेद किसी फल के साथ दूध के सेवन की भी मनाई करता है। यानि कि जिसे लोग शेक बनाकर पीते हैं, आयुर्वेद में उसे सेहत के लिए ठीक नहीं बताया गया है।
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कॉर्नस्टार्च का मेकअप में प्रयोग
खाने से जुड़े कुछ अन्य जरूरी टिप्स
सबसे जरूरी बात सब्जियों को धोकर और बहुत ज्यादा अधिक समय तक न पकांए, यानि सब्जी न कच्ची और न ज्यादा पकी हो। चीनी के विकल्प ढूंढें और शहद या गुड़ का इस्तेमाल करना फायदेमंद है।मैदे से दूरी बनाएं और मक्के का आटा व दलिया जैसे स्वस्थ खाने को जगह दें। यदि खाने का मन नहीं होता है या भूख कम लगती है, तो अदरक का छोटा सा टुकड़ा लें और तवे पर भूनकर उसमें नमक लगाकर खाने से पहले खाएं। इससे भूख बढ़ेगी और पाचन दुरूस्त होगा।
जंक फूड, फास्ट फूड व सॉफ्ट ड्रिंक्स से दूरी बनाएं और हमेशा ताजा और गर्म खाना ही खाएं। एक जरूरी बात आयुर्वेद में खाने का एक नियम है कि हमेशा जितनी भूख हो उसके आधे पर ही खाना खाएं।
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