गलत नंबर डायल होने से NASA में मचा हड़कंप - अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा में उस समय हड़कंप मच गया जब एक अंतिरिक्ष यात्री ने गलत नंबर मिला दिया, आखिर क्या था उस गलत काॅल में ?
जब एक डच अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष की कक्षा में भ्रमण कर रहे थे तो उन्होंने वहाँ से कॉल लगाई और उस एक फोन कॉल ने स्पेस एजेंसी नासा के ह्यूस्टन बेस पर हंगामा खड़ा कर दिया।
वहाँ पर जितने भी वैज्ञानिक थे सबके होश उड़ गए ,अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर उस एक फोन में ऐसा क्या था।
बता दे कि उस काॅल में कुछ नहीं था उस नंबर में था उस नंबर में था क्योंकि वो नासा का आपात कालीन नंबर था। इस नंबर पर फोन आने का अर्थ होता है कि अंतरिक्ष यान या वहां की परिस्थितियों में कोई परेशानी खड़ी हो गई है।
इससे साफ़ पता चलता है कि इस नंबर से फोन आते ही हड़बड़ी मच गई और सभी लोग परेशानी की खोजबीन में लग गए। बाद में हुआ खुलाासा जिसने उनकी सांसों को काबू में किया।
दरसल जब अंतरिक्ष से इमरजेंसी कॉल आने लगी और वैज्ञानिकों को लगा कि स्पेसशिप में कुछ गड़बड़ी है और वे सभी वैज्ञानिक गड़बड़ी को ढूंढने में लग गए, तब पता चला कि वास्तव में ऐसी कोई समस्या है ही नहीं ये सारा मामला गलत नंबर की डायलिंग के चलते हुआ है।
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विमान में मौजूद नीदरलैंड के अंतरिक्ष यात्री आंद्रे कुईपर सैटेलाइट के जरिए फोन करना चाह रहे थे। इसके लिए उन्हें निर्धारित अंक 9011 डायल करने थे पर संभवत गुरुत्वाकर्षण या किसी अन्य दिक्कत के चलते बीच से जीरो गायब हो गया और काॅल 911 पर चली गई जो आपातकालीन नंबर है। जिसके चलते सारी हलचल हुई।
उन्होंने जब सैटेलाइट के जरिए फोन करना चाहा तो शायद गुरुत्वाकर्षण की गैरमौजूदगी के कारण जीरो नहीं दबा और 9011 की जगह 911 पर कॉल हो गई। इस नंबर पर फोन आने के कारण नासा के ह्यूस्टन बेस में खलबली मच गई।
जब इमरजेंसी कॉल के बाद जांच करने पर भी वैज्ञानिकों को स्पेस स्टेशन में कोई गड़बड़ काफी देर तक नहीं मिली तो उन्होंने आंद्रे को ईमेल भेजी और बताया कि किसी भी परेशानी की जानकारी नहीं मिली है।
मेल से हैरान आंद्रे ने जब पता किया कि क्या हुआ तो उन्हें अपनी गलती का पता चला और उन्होंने बेस स्टेशन से माफी मांगी कि उनसे गलती से ये नंबर मिला है। इसके बाद नासा ने राहत की सांस ली।
हांलाकि कुईपर दो बार स्पेस मिशन पर कुल 203 दिन बिता चुके हैं और उन्हें नंबरों की जानकारी है पर अनजाने में उनसे ये भूल हो गई थी।
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जब एक डच अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष की कक्षा में भ्रमण कर रहे थे तो उन्होंने वहाँ से कॉल लगाई और उस एक फोन कॉल ने स्पेस एजेंसी नासा के ह्यूस्टन बेस पर हंगामा खड़ा कर दिया।
वहाँ पर जितने भी वैज्ञानिक थे सबके होश उड़ गए ,अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर उस एक फोन में ऐसा क्या था।
बता दे कि उस काॅल में कुछ नहीं था उस नंबर में था उस नंबर में था क्योंकि वो नासा का आपात कालीन नंबर था। इस नंबर पर फोन आने का अर्थ होता है कि अंतरिक्ष यान या वहां की परिस्थितियों में कोई परेशानी खड़ी हो गई है।
इससे साफ़ पता चलता है कि इस नंबर से फोन आते ही हड़बड़ी मच गई और सभी लोग परेशानी की खोजबीन में लग गए। बाद में हुआ खुलाासा जिसने उनकी सांसों को काबू में किया।
दरसल जब अंतरिक्ष से इमरजेंसी कॉल आने लगी और वैज्ञानिकों को लगा कि स्पेसशिप में कुछ गड़बड़ी है और वे सभी वैज्ञानिक गड़बड़ी को ढूंढने में लग गए, तब पता चला कि वास्तव में ऐसी कोई समस्या है ही नहीं ये सारा मामला गलत नंबर की डायलिंग के चलते हुआ है।
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विमान में मौजूद नीदरलैंड के अंतरिक्ष यात्री आंद्रे कुईपर सैटेलाइट के जरिए फोन करना चाह रहे थे। इसके लिए उन्हें निर्धारित अंक 9011 डायल करने थे पर संभवत गुरुत्वाकर्षण या किसी अन्य दिक्कत के चलते बीच से जीरो गायब हो गया और काॅल 911 पर चली गई जो आपातकालीन नंबर है। जिसके चलते सारी हलचल हुई।
फाॅक्स समाचार के अनुसार अपनी बात स्पष्ट करते हुए उन्होंने बताया कि उनसे गलती हो गई और कहा कि अंतरिक्ष से सैटेलाइट के जरिए कॉल करने के लिए एक स्पेशल कोड लगाना होता है। इसके लिए सबसे पहले 9 दबाना होता है फिर कोड 011 लगाना होता है।
उन्होंने जब सैटेलाइट के जरिए फोन करना चाहा तो शायद गुरुत्वाकर्षण की गैरमौजूदगी के कारण जीरो नहीं दबा और 9011 की जगह 911 पर कॉल हो गई। इस नंबर पर फोन आने के कारण नासा के ह्यूस्टन बेस में खलबली मच गई।
जब इमरजेंसी कॉल के बाद जांच करने पर भी वैज्ञानिकों को स्पेस स्टेशन में कोई गड़बड़ काफी देर तक नहीं मिली तो उन्होंने आंद्रे को ईमेल भेजी और बताया कि किसी भी परेशानी की जानकारी नहीं मिली है।
मेल से हैरान आंद्रे ने जब पता किया कि क्या हुआ तो उन्हें अपनी गलती का पता चला और उन्होंने बेस स्टेशन से माफी मांगी कि उनसे गलती से ये नंबर मिला है। इसके बाद नासा ने राहत की सांस ली।
हांलाकि कुईपर दो बार स्पेस मिशन पर कुल 203 दिन बिता चुके हैं और उन्हें नंबरों की जानकारी है पर अनजाने में उनसे ये भूल हो गई थी।
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