एक ऐसी जगह जहाँ जाने के बाद कोई नहीं आ पाया वापिस - हम बात कर रहे ह बरमूडा ट्रायंगल की जो की अंटलांटिक सागर में है। यह एक ऐसा द्वीप है जहाँ कोई भी गया चाहें वो सजीव हो या निर्जीव लोट के कभी वापिस नहीं आ पाया।
समुंद्र में तैरने वाले जहाज और उस जगह के ऊपर उड़ने वाले वायुयान भी न जाने किस तरह अपना रास्ता बदल लेते हैऔर पता ही नहीं चलता कहाँ गायब हो जाते है। यह अब तक 8000 लोगो और 100 से ज्यादा विमानों को निगल चूका है।
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बरमूडा ट्रायंगल( दा डेडली ट्रायंगल,शैतानों का टापू) के नाम से भी जाना जाने वाला पृथ्वी के सबसे रहस्यमई स्थानो में से एक है
कई मशहूर वैज्ञानिकों ने इस राज से पर्दा उठाने की कोशिश की लेकिन कामयाब नहीं हो पाये। काम ही लोग जानते है कि अमेरिका को खोजने वाले कोलंबस ही वह पहले नाविक खोजकर्ता थे।
जिनका सामना बरमूडा ट्रायंगल से हुआ था। जानकारों का मानना है की जैसे ही कोलम्बस का जहाज बरमूडा ट्रायंगल के पास पहुँचा तो उसके कम्पास ( डिसा बताने वाले यंत्र ) ने गड़बड़ी बताना शुरू कर दी और उसके बाद नाविकों में हड़कंप मच गया।
यहाँ गायब होने वाले सैकड़ो लोगो की लाशे अब तक नहीं मिली है बरमूडा ट्रायंगल 5 दिसम्बर 1945 में दुनियाँ की नजर में चर्चा का विषय बन गया।
जानकारों के अनुसार बरमूडा ट्रायंगल विमानों व जहाजों के गायब होने के पीछे का कारन इसकी भौगोलिक दसा को माना जाता है।
बरमूडा ट्रायंगल पे अनेक वैज्ञानिको ने अपने तर्क दिए है इसे पोराणिक कथाओ से भी जोड़ा गया है लेकिन इसके रहस्य को आज तक कोई भी नही जान पाया है।
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जिनका सामना बरमूडा ट्रायंगल से हुआ था। जानकारों का मानना है की जैसे ही कोलम्बस का जहाज बरमूडा ट्रायंगल के पास पहुँचा तो उसके कम्पास ( डिसा बताने वाले यंत्र ) ने गड़बड़ी बताना शुरू कर दी और उसके बाद नाविकों में हड़कंप मच गया।
यहाँ गायब होने वाले सैकड़ो लोगो की लाशे अब तक नहीं मिली है बरमूडा ट्रायंगल 5 दिसम्बर 1945 में दुनियाँ की नजर में चर्चा का विषय बन गया।
जब अमेरिकी नेवी के पांच बेम वर्षक विमान अंटलांटिक महासागर में डूब गए। इनकी खोज में नेवी की एक नौका भी भेजी गयी यह भी वापिस न आ सकी और समुंद्र की गहराई में समां गयी।
जानकारों के अनुसार बरमूडा ट्रायंगल विमानों व जहाजों के गायब होने के पीछे का कारन इसकी भौगोलिक दसा को माना जाता है।
बरमूडा ट्रायंगल पे अनेक वैज्ञानिको ने अपने तर्क दिए है इसे पोराणिक कथाओ से भी जोड़ा गया है लेकिन इसके रहस्य को आज तक कोई भी नही जान पाया है।
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