एक ऐसा गांव जहा इंसान से लेकर जानवर तक, सभी है अंधे - दुनिया मै बहुत सी ऐसी जगह है जो अपने रहस्य के कारण जानी जाती है लेकिन कुछ रहस्य लोग को अपने से दूर रखता है।
इसी में शामिल है मैक्सिको का टिल्टेपैक गांव इस गांव में रहने वालों को रैड इंडियन के नाम से जानते हैं।
यहां करीब 60 झोपड़ियों में 300 लोग रहते हैं। हैरानी की बात तो ये है की इस गांव में रहने वाले सभी लोग अंधे हैं ना सिर्फ इंसान, बल्कि यहां रहने वाले पालतू जानवर जैसे कुत्ते और बिल्ली भी अंधे हो जाते हैं।
यहां के निवासियों अपने इस अंधेपन के पीछे की वजह एक श्रापित पेड़ को मानते है।
उनके मुताबिक लावजुएजा नाम के इस पेड़ को देखने के बाद इंसान से लेकर जानवर तक सब अंधे हो जाते है।
इसी के कारण यहां रहने वाले पक्षी उड़ तक भी नहीं पाते हैं और वह जब कभी उड़ान भरने की कोशिश भी करते हैं तो पेड़ों से टकरा कर वे गिर ही जाते हैं और वहीं पशुओं की भी हालत कुछ ऐसी ही नजर आती है।
वे अपना खाना ही नहीं तलाश पाते हैं। यहां लोगों की आंखें तो हैं लेकिन वे सबकुछ देख नहीं पाते हैं। ये गांव घने जंगलों के बीच बसा है।
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जब इस गांव का पता सरकार को चला तो सरकार ने इलाज़ की कोशिश की। लेकिन किसी को समझ ही नहीं आया कि उनकी इस बीमारी का कारण क्या है?
कहा जाता है कि इस गांव में जहरीली मक्खी की प्रजाति रहती है। उसी के काटने के कारण सभी अंधे हो जाते हैं।
इसके काटने पर उसका जहर शरीर में फैल जाता है। जिसका सबसे पहला असर आंखों की नसों पर पड़ता है, जिससे जानवर हो या इंसान वो जल्द ही अंधा हो जाता है।
जब सरकार ने गांव वालो दूसरी जगह बसाने की पेशकश की, तो उन्होंने इससे भी इंकार कर दिया ।
इस गांव के लोग गुफाओं में रहते हैं। साथ ही पत्थर पर सोते हैं। इनके घरों में रोशनी का कोई जरिया भी नहीं रहता। ऐसा नहीं है कि यहां अंधे ही पैदा होते हैं।
चूंकि सभी अंधे हैं, इस कारण रोशनी का कोई जरिया यहां जरुरी है ही नहीं। यहां रहने वाले लोग सभ्यता और विकास से भी काफी दूर हैं।
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इसी में शामिल है मैक्सिको का टिल्टेपैक गांव इस गांव में रहने वालों को रैड इंडियन के नाम से जानते हैं।
यहां करीब 60 झोपड़ियों में 300 लोग रहते हैं। हैरानी की बात तो ये है की इस गांव में रहने वाले सभी लोग अंधे हैं ना सिर्फ इंसान, बल्कि यहां रहने वाले पालतू जानवर जैसे कुत्ते और बिल्ली भी अंधे हो जाते हैं।
यहां के निवासियों अपने इस अंधेपन के पीछे की वजह एक श्रापित पेड़ को मानते है।
उनके मुताबिक लावजुएजा नाम के इस पेड़ को देखने के बाद इंसान से लेकर जानवर तक सब अंधे हो जाते है।
इसी के कारण यहां रहने वाले पक्षी उड़ तक भी नहीं पाते हैं और वह जब कभी उड़ान भरने की कोशिश भी करते हैं तो पेड़ों से टकरा कर वे गिर ही जाते हैं और वहीं पशुओं की भी हालत कुछ ऐसी ही नजर आती है।
वे अपना खाना ही नहीं तलाश पाते हैं। यहां लोगों की आंखें तो हैं लेकिन वे सबकुछ देख नहीं पाते हैं। ये गांव घने जंगलों के बीच बसा है।
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जब इस गांव का पता सरकार को चला तो सरकार ने इलाज़ की कोशिश की। लेकिन किसी को समझ ही नहीं आया कि उनकी इस बीमारी का कारण क्या है?
कहा जाता है कि इस गांव में जहरीली मक्खी की प्रजाति रहती है। उसी के काटने के कारण सभी अंधे हो जाते हैं।
इसके काटने पर उसका जहर शरीर में फैल जाता है। जिसका सबसे पहला असर आंखों की नसों पर पड़ता है, जिससे जानवर हो या इंसान वो जल्द ही अंधा हो जाता है।
जब सरकार ने गांव वालो दूसरी जगह बसाने की पेशकश की, तो उन्होंने इससे भी इंकार कर दिया ।
इस गांव के लोग गुफाओं में रहते हैं। साथ ही पत्थर पर सोते हैं। इनके घरों में रोशनी का कोई जरिया भी नहीं रहता। ऐसा नहीं है कि यहां अंधे ही पैदा होते हैं।
जन्म के कुछ दिनों तक बच्चों की आंख की रोशनी ठीक रहती है। लेकिन कुछ दिनों के बाद वो अंधे हो जाते हैं इस गांव में बिजली नहीं है। ना ही रात को लोग आग जलाते है ।
चूंकि सभी अंधे हैं, इस कारण रोशनी का कोई जरिया यहां जरुरी है ही नहीं। यहां रहने वाले लोग सभ्यता और विकास से भी काफी दूर हैं।
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