बुज़ुर्ग लोगो की सूंघने की क्षमता से जुड़ा है उनकी मौत का रहस्य - इंसानों की मृत्यु का उसकी सूंघने की क्षमता से जुड़ा है। यह बात आपको थोड़ी सी अटपटी जरूर लग रही हो, लेकिन हाल ही में हुए एकशोध में ऐसा दावा किया गया है।
शोधकर्ताओं ने अपनी एक रिसर्च में पता लगाया है कि जिन बुजुर्ग लोगों के सूंघने की क्षमता 50 फीसदी से ज्यादा खराब है, वे 10 साल से ज्यादा जीवित नहीं रहेंगे यानी 10 साल के अंदर ही उनकी मौत हो सकती है।
इस शोध में पाए गए तथ्यों को मेडिकल से जुड़ी पत्रिका एनल्स आफ इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित किया गया है।
शोध के दौरान पाया गया कि जिन बुजुर्ग लोगों की सूंघने की क्षमता 46 फीसदी तक खराब थी, उनके 10 साल तक जीवित रहने की संभावना बताई गई। वहीं, जिनके सूंघने की क्षमता 30 फीसदी तक ही खराब थी, उनके जीवित रहने की संभावना 13 साल तक बताई गई।
इस शोध से जुड़े प्रोफेसर होन्गलेई चेन का बोलना है कि बुजुर्ग लोगों में सूंघने की क्षमता में कमी आना बहुत ही सामान्य है, व इसका संबंध मृत्यु से है. इस शोध में सबसे पहले उन संभावित कारणों पर ध्यान देना था।
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जिनसे मृत्यु की अत्यधिक संभावना जताई गयी। प्रोफेसर चेन और उनकी टीम ने अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन एजिंग के आंकड़ों का इस्तेमाल शोध में किया।
शोध के दौरान उन्होंने लगभग 2300 लोगों के स्वास्थ्य आंकड़ों की समीक्षा की, जिनकी उम्र 71 वर्ष से 82 वर्ष के बीच थी। इसमें महिला और पुरुष दोनों शामिल थे।
शोधकर्ताओं ने उन लोगों को सूंघने की क्षमता के आधार पर अच्छे, सामान्य और खराब की तीन श्रेणियों में रखा था। उन लोगों को 12 तरह के गंध सूंघने को दिए गए थे। जिससे शोध करने में आसानी हो और उनको श्रेणियों में रखा जा सके।
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शोधकर्ताओं ने अपनी एक रिसर्च में पता लगाया है कि जिन बुजुर्ग लोगों के सूंघने की क्षमता 50 फीसदी से ज्यादा खराब है, वे 10 साल से ज्यादा जीवित नहीं रहेंगे यानी 10 साल के अंदर ही उनकी मौत हो सकती है।
इस शोध में पाए गए तथ्यों को मेडिकल से जुड़ी पत्रिका एनल्स आफ इंटरनल मेडिसिन में प्रकाशित किया गया है।
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इस शोध से जुड़े प्रोफेसर होन्गलेई चेन का बोलना है कि बुजुर्ग लोगों में सूंघने की क्षमता में कमी आना बहुत ही सामान्य है, व इसका संबंध मृत्यु से है. इस शोध में सबसे पहले उन संभावित कारणों पर ध्यान देना था।
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शोध के दौरान उन्होंने लगभग 2300 लोगों के स्वास्थ्य आंकड़ों की समीक्षा की, जिनकी उम्र 71 वर्ष से 82 वर्ष के बीच थी। इसमें महिला और पुरुष दोनों शामिल थे।
शोधकर्ताओं ने उन लोगों को सूंघने की क्षमता के आधार पर अच्छे, सामान्य और खराब की तीन श्रेणियों में रखा था। उन लोगों को 12 तरह के गंध सूंघने को दिए गए थे। जिससे शोध करने में आसानी हो और उनको श्रेणियों में रखा जा सके।
प्रोफेसर चेन का कहना है कि यदि किसी को सूंघने में दिक्कत आ रही है तो उसे किसी डॉक्टर से परामर्श लेनी चाहिए। इस शोध से पता चलता है कि अगर किसी बुजुर्ग की सूंघने क्षमता प्रभावित होती है तो उसे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
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